दिल्ली की बिगड़ती हवा ने बढ़ाई चिंता, एयर प्यूरिफायर बने ‘जरूरी हथियार’

पिछले कई दिनों से दिल्ली और उत्तर भारत के कई बड़े शहर खराब हवा की गिरफ्त में हैं। स्मॉग की चादर और बढ़ते प्रदूषण के कारण आम लोगों के लिए सांस लेना मुश्किल होता जा रहा है। अस्पतालों में सांस संबंधी बीमारियों की शिकायतें बढ़ रही हैं। इसी गंदी हवा से बचने के लिए लोग घरों और दफ्तरों में एयर प्यूरिफायर लगाने की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं।


बिक्री में बड़ी उछाल, एयर प्यूरिफायर नहीं रहे सिर्फ ‘सीजनल प्रोडक्ट’

इलेक्ट्रॉनिक्स रिटेल चेन क्रोमा ने बताया है कि पिछले साल की तुलना में एयर प्यूरिफायर की बिक्री में 30% तक वृद्धि हुई है। पहले यह प्रोडक्ट सिर्फ सर्दी के मौसम या स्मॉग सीजन में खरीदा जाता था, लेकिन अब दिल्ली-एनसीआर जैसे प्रदूषण-प्रभावित क्षेत्रों में यह सालभर की जरूरत बन चुका है।

सबसे दिलचस्प बात यह है कि क्रोमा की कुल बिक्री में से 72% एयर प्यूरिफायर सिर्फ दिल्ली-एनसीआर में बिके। यह स्पष्ट बताता है कि इस इलाके में लोग प्रदूषण को लेकर कितने सतर्क हो चुके हैं। दिल्ली-एनसीआर के बाद महाराष्ट्र और कर्नाटक एयर प्यूरिफायर खरीदने वाले प्रमुख बाजार बनकर उभरे हैं।


HEPA फिल्टर वाले मॉडल की धूम, लोग बने जागरूक

विशेषज्ञों का मानना है कि जहरीली हवा से बचने का सबसे अच्छा तरीका HEPA फिल्टर वाला एयर प्यूरिफायर चुनना है। यह फिल्टर हवा में मौजूद बेहद छोटे कणों—जैसे पॉल्यूशन, स्मॉग, परागकण और बैक्टीरिया—को भी साफ कर देता है। HEPA फिल्टर लगभग 99.95% सूक्ष्म कणों को पकड़ सकता है, इसलिए ग्राहक अब ज्यादा समझदारी से मॉडल चुन रहे हैं।

कीमत के लिहाज से भी लोग संतुलित खरीदारी कर रहे हैं। आंकड़ों के मुताबिक 49% ग्राहकों ने 5,000 से 15,000 रुपये के बीच वाले मॉडल खरीदे हैं। इससे पता चलता है कि मध्यम वर्ग भी अपनी क्षमता के अनुसार एयर प्यूरिफायर खरीदने को मजबूर हो रहा है।


एयर प्यूरिफायर खरीदते समय किन बातों पर दें ध्यान

अगर आप भी खराब हवा से बचने के लिए एयर प्यूरिफायर लेने की सोच रहे हैं, तो कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखें ताकि खरीद फायदेमंद साबित हो।

1. HEPA फिल्टर सबसे जरूरी

एयर प्यूरिफायर तभी प्रभावी होगा जब उसमें असली HEPA फिल्टर लगा हो। यह हवा में मौजूद लगभग सभी सूक्ष्म कणों को रोक सकता है।

2. CADR जितना ज्यादा, उतना बेहतर

CADR यानी क्लीन एयर डिलिवरी रेट बताता है कि मशीन एक मिनट में कितनी स्वच्छ हवा दे सकती है। उच्च CADR वाला मॉडल कमरे को ज्यादा तेज साफ करता है।

3. एयरफ्लो डिजाइन पर ध्यान दें

360-डिग्री इनटेक या ऊपर से नीचे की ओर एयर सर्कुलेशन वाले प्यूरीफायर बेहतर माने जाते हैं। ये छोटे-बड़े कमरों में तेज और समान रूप से हवा को साफ करते हैं।

4. कम आवाज वाला मॉडल चुनें

क्योंकि प्यूरीफायर घंटों तक चलता है, इसलिए उसका नॉइस लेवल कम होना चाहिए। ज्यादा शोर वाला मॉडल परेशानी का कारण बन सकता है, खासकर बेडरूम में।


सिर्फ एयर प्यूरिफायर नहीं, यह सावधानियां भी जरूरी

एयर प्यूरिफायर कमरे की हवा सुधारते हैं, लेकिन बाहर की दूषित हवा से बचने के लिए अन्य सावधानियां भी जरूरी हैं। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि प्रदूषण के चरम समय में घर से कम निकलें, एन95 मास्क पहनें, पौष्टिक आहार लें और शरीर में पानी की कमी न होने दें।

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