पंजाब सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्यों को आगे बढ़ाते हुए बड़े स्तर पर फंड जारी किए हैं। सरकार ने ऐलान किया कि राज्य के गांवों के लिए 332 करोड़ रुपये की पहली किस्त रिलीज़ कर दी गई है। साथ ही यह भी बताया गया कि लगभग 334 करोड़ रुपये की अगली किस्त दिसंबर के आखिरी सप्ताह या जनवरी के पहले हफ्ते तक गाम पंचायतों को उपलब्ध करा दी जाएगी।
गांवों में होगी सफाई व्यवस्था और जरूरी सुविधाओं में सुधार
सरकार के अनुसार इस राशि का इस्तेमाल गांवों में सैनिटेशन बॉक्स लगाने और पंचायतों की ओर से किए जाने वाले विभिन्न विकास कार्यों में किया जाएगा। जारी राशि में से लगभग 156 करोड़ रुपये अनटाइड फंड के रूप में दिए जा रहे हैं, जिसे पंचायतें अपनी जरूरत के अनुसार किसी भी विकास कार्य में खर्च कर सकेंगी। वहीं करीब 176 करोड़ रुपये टाइड फंड के रूप में दिए जाएंगे जिनका उपयोग सिर्फ स्वच्छता और सफाई से जुड़े कामों के लिए किया जा सकेगा।
22 जिलों को मिली बड़ी राशि
कुल 3,329,750,900 रुपये की ग्रांट 22 जिलों में बांटी गई है। इसमें 1,766,319,970 रुपये टाइड फंड और 1,563,430,930 रुपये अनटाइड फंड शामिल हैं।
सबसे ज़्यादा फंड निम्न जिलों को दिया गया है—
- लुधियाना: 200 करोड़ से अधिक टाइड और 133 करोड़ से अधिक अनटाइड
- होशियारपुर: 170 करोड़ से ज्यादा टाइड और 114 करोड़ अनटाइड
- गुरदासपुर: 165 करोड़ टाइड और 110 करोड़ अनटाइड
इसके अलावा पटियाला, जालंधर, संगरूर, फरीदकोट, फाजिल्का, मोगा, मुक्तसर, नवांशहर और तरनतारन भी प्रमुख लाभार्थी जिलों में शामिल हैं।
केंद्र सरकार पर लगाई उपेक्षा की आरोप
फंड जारी करने के ऐलान के दौरान पंजाब के मंत्रियों ने केंद्र सरकार पर तीखे आरोप भी लगाए। मंत्री का कहना था कि केंद्र सरकार की ओर से पंजाब को मिलने वाली कई सहायता राशि रोकी गई है, जबकि राज्य लगातार अपना हिस्सा जमा कर रहा है।
केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू द्वारा लगाए गए आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए पंजाब सरकार ने कहा कि बिट्टू की टिप्पणियां “अधूरी जानकारी” पर आधारित हैं और SNA-SPARSH प्रणाली कैसे काम करती है, इसकी उन्हें सही समझ नहीं। पंजाब सरकार ने बताया कि केंद्र का हिस्सा सीधे RBI खाते में जाता है और यह प्रणाली पारदर्शी भुगतान सुनिश्चित करती है।
अंत में राज्य सरकार ने केंद्र से अपील की कि गलत दावे फैलाने की बजाय पंजाब से जुड़े अटके हुए प्रोजेक्ट—जैसे राजपुरा-चंडीगढ़ रेलवे लाइन—की योजनाओं को खुलकर सामने रखा जाए।