भारत में मोटापे की समस्या अब चिंताजनक स्तर पर पहुंच चुकी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और आईसीएमआर (ICMR) की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, देश में मोटापे के मामलों में पिछले कुछ दशकों में लगभग दोगुनी वृद्धि दर्ज की गई है।
शहरी आबादी में करीब 20–30% वयस्क और 10–15% बच्चे अब ओवरवेट या मोटापे की श्रेणी में आ गए हैं।
लाइफस्टाइल और खानपान बने बड़ी वजह
विशेषज्ञों का मानना है कि आधुनिक जीवनशैली, लगातार बैठकर काम करना, नींद की कमी और प्रोसेस्ड फूड का अधिक सेवन मोटापे के बढ़ने की प्रमुख वजहें हैं।
तनाव और फिजिकल एक्टिविटी की कमी भी इसमें बड़ी भूमिका निभाती है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, अगर समय रहते खानपान और दिनचर्या पर ध्यान न दिया जाए, तो यह मोटापा डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और हार्ट की बीमारियों का कारण बन सकता है।
हेल्थ मिनिस्ट्री का सुझाव — पानी पीना ही पहला कदम
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने हाल ही में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (X) पर एक पोस्ट साझा की, जिसमें लोगों को पर्याप्त पानी पीने की सलाह दी गई है।
मंत्रालय ने लिखा, “हाइड्रेशन (Hydration) वजन नियंत्रण और स्वस्थ जीवनशैली की कुंजी है।”
इसके साथ साझा किए गए ग्राफिक में बताया गया कि शरीर का लगभग 55–60% हिस्सा पानी से बना होता है। ऐसे में अगर शरीर में पानी की कमी हो जाए, तो थकान, सुस्ती और वजन बढ़ने जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
वैज्ञानिक अध्ययन भी बताते हैं पानी के फायदे
कई वैज्ञानिक अध्ययनों में यह पाया गया है कि जो लोग खाने से पहले पानी पीते हैं, उनका वजन घटने की संभावना अधिक होती है।
एक अध्ययन के अनुसार, खाने से पहले 500 मिलीलीटर पानी पीने वाले लोगों में भूख कम लगती है और वे कम कैलोरी का सेवन करते हैं।
मीठे पेय पदार्थों की जगह सादा पानी अपनाने वालों में औसतन 0.3 किलोग्राम तक वजन कम पाया गया।
पानी पीने से पेट जल्दी भरता है, जिससे ओवरईटिंग रुकती है और शरीर की मेटाबॉलिक एक्टिविटी भी बेहतर होती है।
दिनभर में कितना पानी पीना चाहिए?
आईसीएमआर और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रिशन की गाइडलाइन के अनुसार, पुरुषों को रोजाना 2.2 से 4 लीटर और महिलाओं को 1.6 से 3 लीटर पानी पीना चाहिए।
यह मात्रा मौसम, एक्टिविटी और स्वास्थ्य स्थिति के अनुसार बदल सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि पानी न केवल वजन घटाने में मदद करता है, बल्कि यह शरीर से टॉक्सिन्स निकालने और स्किन को हेल्दी रखने में भी अहम भूमिका निभाता है।